मैंने अपनी इंगलिश टीचर ..भूल गये क्या ? वही शिखा कौशिक जी से कहा - टीचर जी ! कम से कम इतनी इंगलिश तो सिखा ही दो कि - ब्लाग वर्ल्ड के ब्लाग्स पर इंगलिश में टिप्पणी कर लिया करूँ । ताकि मेरा भी कुछ रौब गालिब हो । क्यों मेरी इज्जत का " सूजी का हलुआ " बनाने पर तुली हो । फ़ीस क्या मुफ़्त की देता हूँ । तब उन्होंने मुझे एक रेडीमेड टिप्पणी बता दी - very nice post
और आगे कहा - अगर अक्ल से काम लो । तो इसी से तीन टिप्पणी बन जाती हैं ।
मैं - व्हाय मैम ।
शिखा मैम - एक - very nice । दो - nice post । तीन - very nice post ।
और सुनो । आगे उन्होंने कहा - टीपणी का मतलब नहीं जानते बुद्धू कहीं के । टीपो और लगा दो । क्यों दिमाग को सोचकर हीट करते हो । यही तो अन्य भी करते हैं । टीपते हैं । और चिपका देते हैं । टीपना समझते हो ? या ये भी नहीं समझते । नकल मारना । मैं तो भैया यही करती हूँ । ( टिप्पणी देने में ) अब दिमाग का दही कौन करे ।
मैं - वाओ मैम ! इसीलिये तो मैंने अकलबन्दी ( शब्द पर ध्यान दें ) से आपको टयूटर बनाया हुआ है । दिमाग पर एक्सट्रा जोर भी नहीं । और पढाई भी पूरी । अम्मा जी का खिलाया देशी घी पूरा बचा कि नहीं ।
खैर माय वैरी जीनियस मैम ! इस 3 इन 1 टीपणी का मतलब भी तो बता दो । कभी कोई पूछ ही बैठा । और मैं नहीं बता पाया तो । तो नाक तो आपकी ही...खैर छोङिये ।
शिखा मैम ने कहा - ठीक है । very मतलब - थोङा । nice मीन - बेकार । post मतलब - पोस्ट...पोस्ट ..पोस्ट ( मैं समझ गया । अटक गयी गाङी । अब डिक्शनरी निकालेंगीं ) लेकिन मेरी बहुत होशियार मैम ने तुरन्त ( बिना डिक्शनरी यूज किये ) चुटकी बजाकर कहा - post मतलब - पोस्टमेन । इतना भी नहीं जानते ।
मैं - वाओ मैम ! क्या दिमाग दिया है ?? अल्लाह ने आपको । अब इस कमेंट को पूर्णरूपेण भी समझा दीजिये ।
शिखा मैम - very nice - थोङा बेकार । nice post - बेकार लिखा । very nice post - थोङा ही बेकार लिखा । कितनी इजी है ना । इंगलिश लैंग्वेज । पर तुम पढाई पर ध्यान दो तब ना ।
खैर..ये टिप्पणी पुराण तो चलता ही रहेगा । बहरहाल मैं इन्हीं एक बटा तीन टिप्पणियों से काम चला रहा हूँ । बल्कि चला रहा था कि - तभी मेरी निगाह "
रेत के महल " ब्लाग पर गयी । खास बात ये थी कि ये भी 2 in 1 है । यानी एक इंगलिश में । दूसरा हिन्दी में । और उससे भी बङी बात थी कि ये भी शिल्पा मैम यानी एक टीचर जी का था । अतः मैं इनसे भी टयूशन पढने की बात करने चला गया ।
मगर इनके प्रोफ़ायल से मुझे बहुत हैरानी हुयी । एक बाडी में दो दो लोग कैसे ?
देखिये -मन से एक लेखक.. लेखिका हूँ ।
( बट.. मुझे ये पढकर अच्छा लगा कि - पढना । पढ़ाना और बातें करना बहुत अच्छा लगता है ।
सच मैं बातें करना मुझे भी अच्छा लगता है । मैं तो दिन भर ही फ़ालतू बातें करता रहता हूँ ।
( और भी देखिये - वैसे एक इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर हूँ ।
अब तो जरूर ही इनसे टयूशन पढूँगा । अरे घर की बिजली टीवी फ़ैन etc खराब होने पर शिल्पा मैम से मुफ़्त ही सही करा लूँगा । इसे कहते हैं । एक पंथ दो काज ।
और ये रहा - शिल्पा मैम का परिचय ।
hospet कर्नाटक । भारत की इंजीनियरिंग कॉलेज में पढाने वाली शिक्षिका सुश्री शिल्पा मेहता जी अभी ब्लाग जगत में नयी है । फ़िर भी उन्होंने अपनी अनोखे और अलग किस्म के लेखों से ब्लाग जगत में सबका ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित किया है । या कहिये । धूम मचा दी है । इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर होने के नाते उन्होंने आध्यात्म और साइंस का सुन्दर समन्वय भी किया है । मैं हमेशा कहता रहा । ब्लाग जगत में मुझे मनपसन्द ब्लाग ( मेरी अभिरुचि के ) ना के बराबर ही मिले । लेकिन शिल्पा जी का ब्लाग मुझे उम्मीद जगाता है । विचारोत्तेजक खोजपूर्ण सामग्री तर्क की कसौटी पर बातचीत सहज ही आकर्षित करती हैं । मुझे उनके अन्य लेखों का भी इंतजार है । आप भी जाकर देखिये । और आगे देखिये शिल्पा जी अपने बारे में क्या बता रही हैं - मैं तो मैं हूँ । आप बताएं पढ़ कर । वैसे एक इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर हूँ । इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाती हूँ । मन से एक लेखक.. लेखिका हूँ । पढना । पढ़ाना । और बातें करना बहुत अच्छा लगता है । ब्लॉग पर आपका स्वागत है - :)) इनके ब्लाग - रेत के महल । और ret ke mahal ( इंगलिश )
How do you pronounce the 'g' in bologna ? like the "k" and the "d" in knowledge..(:-)(;-))
5 टिप्पणियां:
राजीव जी -आप को आकर्षित करने वाला ब्लॉग निश्चित रूप से सराहनीय ही होगा .सार्थक प्रस्तुति .आभार
ख़ूबसूरत पोस्ट , बधाई
आपकी हर प्रस्तुति रोचक होती है और क्या कहा जा सकता है सिवाय बधाई और आभार के
बहुत ही रोचक पोस्ट .....धन्यवाद
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