मेरा दर्द
विकास जी के ब्लॉग पर उनकी सभी प्रस्तुति ह्रदय के उद्गारों को बहुत सुन्दर शब्दों में अभिव्यक्त करती हैं.आप आज की ही उनकी प्रस्तुति से मेरी बातों की सच्चाई का अंदाज़ा लगा सकते हैं-
एक लड़की मुझे सताती है
अंधेरी-सी रात में एक खिड़की डगमगाती है
सच बताऊँ यारों तो, एक लड़की मुझे सताती है।
भोली भाली सूरत उसकी मखमली-सी पलकें है
हल्की इस रोशनी में, मुझे देख शर्माती है
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है
बिखरी-बिखरी ज़ुल्फ़ें उसकी शायद घटा बुलाती है,
उसके आँखों के काजल से बारिश भी हो जाती है
दूर खड़ी वो खिड़की पर मुझे देख मुसकुराती है।
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है
उसकी पायल की छम-छम से एक मदहोशी-सी छा जाती है
ज्यों की आंख बंद करूँ मैं तो, सामने वो जाती है
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है
ज्यों ही आँख खोलता हूँ मैं तो ख़्वाब वो बन जाती है
अंधेरी-सी रात में एक खिड़की डगमगाती है
और ये है उनका संक्षिप्त परिचय -
हमारे बारे में
आप सभी उनके ब्लॉग पर जाएँ और एक और शानदार अभिव्यक्ति से जुड़ें.
शालिनी कौशिक
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6 टिप्पणियां:
bhaut acchi abhivaykti...
nice post Shalini ji .
सिर्फ़ सताने वाली लङकी ही दिखायी दे रही
है । बट क्यों सता रही है ? ये पता नहीं लग
रहा । ये सुषमा जी और शिखा जी लगता है
बिना देखे ही कमेंट करती हैं । वैसे ये भी हो
सकता है । उन्हें लङकी का सताना दिख रहा
हो । बिकाज - लङकी ही जाने लङकी का सताना ।
वैसे शालिनी जी आपको दर्दमन्द लोगों की बङी
फ़िक्र रहती है । सो very nice मेरा दर्द
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ...।
आदरणीय शालिनी कौशिक जी
लिकं के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
आदरणीय शालिनी कौशिक जी
बहुत बहुत आभार,
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