गुरुवार, 28 जुलाई 2011

आइये कशिश की ओर चलें

इस बार सबसे पहले आप ब्लॉग का url  ही नोट कीजिये :-

अब  कुछ इनके शब्दों में इनके बारे में -

मेरे बारे में[Image1360.jpg]

मैँ नाचीज अपने बारे में क्या कहूँ ? अभी तक खुद से ही अन्जान हूँ,अनछुआ हूँ लेखकों की तरह लिखना मुझे आता नहीं,बस जब भी हृदय के दर्पण में भावनायें झाँकती है तो टूटे फूटे शब्दों को कलम के धागे में पिरोकर उनका श्रृंगार करने की कोशिश करता हूँ। यह ब्लॉग,ब्लॉग नही,मेरी किताब ए जीस्त है,और यहाँ लिखा हर एक शब्द मेरे दिल ए ज़ज्बात से निकली वो खूबसूरत आबाजें हैं जिन्होंने कुछ नायाब लम्हों में जन्म लेकर कई बार अपने वजूद को तलाशने की कोशिश की है.... सफर अभी जारी है और कशिश भी.....
और सिर्फ ये ही नहीं कि कुमार जी के जज्बात केवल उनके प्रोफाइल तक ही सीमित हों उनके जज्बात शब्दों में बहुत खूबसूरती से उतरते हैं और ये आप उनके ब्लॉग कशिश पर जाकर देख सकते हैं .तो देखिये और परखिये हमारी खोज को.कि क्या हम सही हैं ?
                         शालिनी कौशिक

5 टिप्‍पणियां:

Arvind kumar ने कहा…

शालिनी जी,
मेरे पास शब्द नहीं हैं आपका शुक्रिया अदा करने के लिए....
आप सभी ने मुझे प्रोत्साहित किया इसके लिए में आप सभी का आभारी रहूँगा.....
आप सभी के सुझावों का मेरे ब्लॉग पर हमेशा स्वागत है..
शुक्रिया

smshindi By Sonu ने कहा…

शालिनी जी,

आभार!

Shikha Kaushik ने कहा…

very nice post .

विभूति" ने कहा…

very nice....

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Nice .