कल मेरी मुशायरे ब्लॉग पर प्रस्तुति पर एक टिप्पणी आयी
Pappu Parihar said...
किधर से शुरू करून, किधर से ख़तम करून |
जिन्दगी का फ़साना, कैसे तेरी नज़र करून |
है ख्याल जिन्दगी का, कैसे मुनव्वर करून |
मगरिब के जानिब खड़ा, कैसे तसव्वुर करून |
जिन्दगी का फ़साना, कैसे तेरी नज़र करून |
है ख्याल जिन्दगी का, कैसे मुनव्वर करून |
मगरिब के जानिब खड़ा, कैसे तसव्वुर करून |
टिप्पणी इतनी खास थी कि मन किया की इसे करने वाले शायर के ब्लॉग पर स्वयं जाकर देखा जाये क्या हर बार ''राजीव कुलश्रेष्ठ ''जी की सलाह पर ध्यान लगा कर बैठ गए और नया ब्लॉग ढूंढ लिया.अब जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा कि सुन्दर अशआर से भरा यह ब्लॉग वास्तव में सभी के सहयोग का अधिकारी है.इनके ब्लॉग का लिंक है-
परिचय केवल इतना सा ही दिया है पप्पू जी ने-
View my complete प्रोफाइलऔर उनकी आज की प्रस्तुति देखिये कितनी शानदार है-
नसीब से देखा
दर्द को पी गया |
जिन्दगी को जी गया |
मौत को करीब से देखा |
तुझे को नसीब से देखा |
जिन्दगी को जी गया |
मौत को करीब से देखा |
तुझे को नसीब से देखा |
अब यदि देखना चाहे हमारी इस नयी खोज को तो लिंक पर मोंउस को क्लिक करें और पहुँच जाएँ वहां पर जहाँ एक से एक अशआर आपका इंतजार कर रहे हैं.
शालिनी कौशिक
8 टिप्पणियां:
आभार
this ''pappu'' is really good .thanks Shalini ji for introducing this new blog
आदरणीय शालिनी कौशिकजी
इस ब्लॉग पर में भी गया अच्छा लगा और ब्लॉग जगत की हलचल की ताज़ा जानकारी के लिए आभार
शालिनीजी मैं उनका ब्लॉग जरूर देखूंगी ..आभार
बढ़िया है यह ब्लॉग...
शालिनी कौशिक जी
आपके तार्रुफ़ का,
आपकी हौसला अफजाई का,
आपके बड़प्पन का,
तहे दिल से शुक्रिया,
अदा करता हूँ,
आपने इस जहाँ से मेरा तार्रुफ़ करवाया |
आपने इस जहाँ से मुझे जुड़वाया |
आपने इस जहाँ से मुझे प्यार दिलवाया |
आपका तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया |
aabhar aapke shukriya ka.aabhar aapke yahan aane ka,aabhar hamari mehnat ko sarahne ka,aabhar hame naye naye ashaar padhvane ka.
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