आज ब्लाग वर्ल्ड . काम पर एक निगाह डालते हुये मेरी निगाह मेरी दुनियाँ मेरे सपने वेवसाइट पर गयी । जिस पर प्रकाशित पोस्ट का शीर्षक था - ये ब्लागिंग की ताकत है । ( पढने के लिये यहाँ कीजिये )
मुझे ये पोस्ट और पूरा प्रकरण ही उपयोगी लगा । लिहाजा सूचनार्थ मैंने इसको यहाँ भी पोस्ट किया ।
साथ ही मैंने युवा छात्र श्री गिरजेश जी के दोनों ब्लाग - चलते चलते । अल्फ़ाज ए दिल भी देखे । जिसमें एक युवा सोच युवा नजरिया और विचार क्रांति की झलक सी महसूस हुयी ।
अतः मेरी तरह कुछ नयापन आप भी उन ब्लाग्स पर जाकर देख सकते हैं । और ये है । श्री गिरजेश कुमार जी का परिचय -
भागलपुर बिहार के रहने वाले और फ़िलहाल पटना में पत्रकारिता की पढाई कर रहे श्री गिरजेश कुमार जी एक सच्चे देशवासी की तरह समाज और सामाजिक समस्याओं के प्रति न सिर्फ़ पूरी तरह जागरूक हैं । बल्कि कलम और चलन दोनों के द्वारा ही उसको व्यवहार में भी लाते हैं । ये एक सच्चे और युवा पत्रकार की बेहतरीन शुरूआत कही जा सकती हैं । मेरा निजी दृष्टिकोण भी यही है कि हम कुछ और होने से पहले एक सच्चा इंसान होना अधिक जरूरी है । श्री गिरजेश अपने बारे में कहते हैं - मैं गिरिजेश कुमार । दुनिया में सिल्क सिटी के नाम से मशहूर 'भागलपुर' ( बिहार ) से सम्बन्ध रखता हूँ । समाज और सामाजिक समस्याओं के प्रति दिलचस्पी ने पत्रकारिता जगत की ओर आकर्षित किया । अभी मैं एडवांटेज मीडिया एकेडेमी, पटना से पत्रकारिता की पढाई कर रहा हूँ । मुझे लगता है सामाजिक कुरीतियाँ जब समाज को पीछे धकेलने की कोशिश करती है । तो इसके लिए आवाज़ उठाना ज़रुरी हो जाता है । इसी उद्देश्य से मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया है । आशा है । पाठकों का सहयोग मिलेगा । शुभकामनाओं सहित । इनके ब्लाग - चलते चलते । अल्फ़ाज ए दिल
मुझे ये पोस्ट और पूरा प्रकरण ही उपयोगी लगा । लिहाजा सूचनार्थ मैंने इसको यहाँ भी पोस्ट किया ।
साथ ही मैंने युवा छात्र श्री गिरजेश जी के दोनों ब्लाग - चलते चलते । अल्फ़ाज ए दिल भी देखे । जिसमें एक युवा सोच युवा नजरिया और विचार क्रांति की झलक सी महसूस हुयी ।
अतः मेरी तरह कुछ नयापन आप भी उन ब्लाग्स पर जाकर देख सकते हैं । और ये है । श्री गिरजेश कुमार जी का परिचय -
भागलपुर बिहार के रहने वाले और फ़िलहाल पटना में पत्रकारिता की पढाई कर रहे श्री गिरजेश कुमार जी एक सच्चे देशवासी की तरह समाज और सामाजिक समस्याओं के प्रति न सिर्फ़ पूरी तरह जागरूक हैं । बल्कि कलम और चलन दोनों के द्वारा ही उसको व्यवहार में भी लाते हैं । ये एक सच्चे और युवा पत्रकार की बेहतरीन शुरूआत कही जा सकती हैं । मेरा निजी दृष्टिकोण भी यही है कि हम कुछ और होने से पहले एक सच्चा इंसान होना अधिक जरूरी है । श्री गिरजेश अपने बारे में कहते हैं - मैं गिरिजेश कुमार । दुनिया में सिल्क सिटी के नाम से मशहूर 'भागलपुर' ( बिहार ) से सम्बन्ध रखता हूँ । समाज और सामाजिक समस्याओं के प्रति दिलचस्पी ने पत्रकारिता जगत की ओर आकर्षित किया । अभी मैं एडवांटेज मीडिया एकेडेमी, पटना से पत्रकारिता की पढाई कर रहा हूँ । मुझे लगता है सामाजिक कुरीतियाँ जब समाज को पीछे धकेलने की कोशिश करती है । तो इसके लिए आवाज़ उठाना ज़रुरी हो जाता है । इसी उद्देश्य से मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया है । आशा है । पाठकों का सहयोग मिलेगा । शुभकामनाओं सहित । इनके ब्लाग - चलते चलते । अल्फ़ाज ए दिल
4 टिप्पणियां:
aaj Rajiv ji aapki post me pahli bar sadhtva ke darshan hue.bahut achchha blog lekar aaye hain aap.aabhar
ab jara isse hatkar ek bat aap jo yahan kihte hain aisa lagta hai ki bhakt jano ke dwara dee gayi pencils se likhte hain isiliye alag alag rang ho jate hain aur ek bat aur thoda writing bhi sudhar len kyonki isi karan aapke numbar shayad class me kam aate honge .baki sab theek hai aap pass to ho hi jayenge.
nice post rajiv ji.
बहुत अच्छे ब्लॉग का परिचय, राजीव जी! धन्यवाद
nice post Rajeev ji .
लिंक भी देखा जी, आभार
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