आपको ज़रूर पसंद आएगा Maza
मैंने उनके ब्लॉग पर यह पढ़ा
1- बाजार में हमें पीटने को सारे बंदे चिपट गये
पत्नी ने काम वाली बाई को अपनी पुरानी साड़ी दी थी
और हम उसे अपनी पत्नी समझ के पीछे से लिपट गये
2- धरती पे तुम, आसमाँ में तुम, पूरे जहाँ में तुम,
फिज़ाओं में तुम, घटाओं में तुम, हवाओं में तुम,
ठीक ही कहा है किसी ने
बुरी आत्मा का कोई ठिकाना नही होता
3- एक लड़की से मैने रोने का कारण पूछा तो वो बोली
मेरे पिता चाइनीज थे बेचारे भरी ज़वानी मे हम सबको छोड़ कर चले गये
बस इसी बात का गम है मैने कहा चुप हो जा बच्ची
चाइना का माल तो चलता ही कम है
आज मूड आफ़ सा था ब्लॉग जगत की घटना के कारण, सोचा कि दिल बहलाया जाए और इस ब्लॉग पर ऐसा ‘सौदा‘ काफ़ी है।
आप भी देखिए
http://udghoshak.blogspot.com/
4 टिप्पणियां:
अनवर जी बहुत शानदार प्रस्तुति हेतु बधाई .
बहुत शानदार प्रस्तुति आभार डॉ.साहब
बेहतरीन मनोरंजक प्रस्तुति आभार
आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया चाहे उसका फ़ोटो कैसा भी हो !
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