गुरुवार, 31 मार्च 2011

भारत तो जीते पर....


http://www.atulshrivastavaa.blogspot.com/

फाईल फोटो साभार samaylive.com

सबसे पहले मैं माफी चाहता हूं, इस तस्‍वीर को अपने ब्‍लाग में लगाने के लिए, लेकिन क्‍या करूं लगाना पडा। फिल्‍मों में हिरोईन कम कपडों में दिखाई देती हैं और अंतरंग दृश्‍य देती हैं, बाद में यह कहकर अपना पल्‍ला झाड लेती हैं कि कहानी की यह मांग थी। मैं भी शायद इसी सोच के साथ इस तस्‍वीर का प्रयोग कर रहा हूं। अब वे हिरोईनें कितना सच बोल रही होती हैं, यह तो मैं नहीं जानता पर मैं यहां सोलह आने सच बोल रहा हूं यह मैं आपको यकीन दिलाता हूं। (इसीलिए मैंने इस तस्‍वीर को निंगेटिव शेड दे दिया है।)  
अब आता हूं मुददे  की बात पर। भारत विश्‍व कप के फायनल में पहुंच गया है। दो अप्रैल को उसका श्रीलंका से मुकाबला है। क्रिकेट पर सटटा लग रहा है, क्रिकेट को लेकर जुनून चरम पर है। कोई व्रत रख रहा है  तो कोई हवन कर रहा है, इस उम्‍मीद में कि भारत विश्‍वकप जीत जाए। 1983 का इतिहास दोहरा दिया जाए। कुल मिलाकर जुनून पूरे चरम पर है। विश्‍वकप में भारत जीते यह हर भारतीय की इच्‍छा है और हर भारतीय विश्‍व कप को इस बार अपने देश में ही रखने की तमन्‍ना रखता है लेकिन इसी बीच एक माडल ने जो बात कही है वह अपने आप में न सिर्फ आपत्तिजनक है बल्कि भारतीय परंपरा के बिल्‍कुल विपरीत भी है।
अब फिर से इस तस्‍वीर पर आता हूं। यह तस्‍वीर है, एक उभरती हुई माडल पूनम पांडे की। किंगफिशर जैसी कंपनियों के लिए विज्ञापन करने वाली पूनम का कहना है कि भारत के विश्‍वकप जीतने पर वह न्‍यूड  होकर अपनी खुशी का इजहार करेगी। वह कहती है कि वह ऐसा टीम इंडिया के हौसले को बढाने के लिए करना चाहती है। अब यह तो पूनम पांडे ही जाने कि यदि टीम विश्‍वकप जीत जाती है तो उसकी इस ‘हरकत’ से टीम का हौसला किस तरह बढ जाएगा। खैर अपनी धुन में मगन पूनम यह भी कहती है कि वह ड्रेसिंग रूप में खिलाडियों के सामने न्‍यूड होगी और यदि सरकार और बीसीसीआई उसे इजाजत दे तो वह स्‍टडियम में भी ऐसा कर सकती है।
विदेशों में इस तरह की घटनाएं आम हैं लेकिन भारत में इस तरह की घोषणा अपने आप में नई बात है और आश्‍चर्यजनक भी। पूनम की इस घोषणा ने यह तो दर्शाया  है कि भारत में क्रिकेट को लेकर दीवानगी किस हद तक है लेकिन क्‍या पूनम की इस तरह की घोषणा भारतीय संस्‍कृति के अनुकूल है। क्‍या किसी को अपनी दीवानगी दिखाने का यही एक तरीका सूझ सकता है।
इस खबर को जब मैंने पढा तो ऐसा लगा कि यह महज क्रिकेट के प्रति दीवानगी की बात  नहीं, कहीं न कहीं प्रचार पाने का तरीका है और मानसिक दीवालिएपन का भी परिचायक है। आप इस बारे में क्‍या सोचते हैं। हर भारतीय चाहता है कि भारत विश्‍वकप जीते लेकिन क्‍या एक भी भारतवासी ऐसा होगा जो यह सोचता होगा कि इसके बाद पूनम की इच्‍छा पूरी हो। ईश्‍वर से यही कामना कि भारत को विश्‍व विजेता बनाए और पूनम को सदबुध्दि दे।

5 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

Atul ji main yah samajh nahi patee ki aakhir aisi yuvtiya apne sath sare samaj ko nganta kee keechad me kyon dhakelna chahti hain .nganta ek aadim soch hai.sabhyata ke sath hamne vastro ko saleeke ke sath dharan karna jana hai .kisi ko ngan dekhkar uttejna ho sakti hai prerna nahi .aisi gandi soch vali model ko pagalkhane bhej dena chahiye .

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

अतुल जी ,यह मानसिकता सिर्फ खुद को प्रचार देने की है यदि उससे पूछा जाए की हमारे कितने खिलाड़ी खेल रहे है और कितने नही ?तो मेरा मानना हे की उसे शायद याद भी नही होगा !

गुजरे जमाने में कभी फेमस माडल और आज की अभिनेत्री पूजा बेदी की माँ मोनिका बेदी ने भी यही कहा था --'की वो न्यूड दोड़ लगाएगी !' पर उससे पहले ही पुलिश ने उसको गिरफ्तार कर लिया था --

सस्ती लोकप्रियता पाने का यह आसन रास्ता है पर कितना गंदा ----?

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

हो सकता है कि वो सोचती हो । नंगे आये ।
नंगे जायेंगे । इसलिये बीच में नग्न होने में
क्या हर्ज है । मुझे तो ये कोई बङी ऊँची साधु
मालूम होती है । अतुल जी कहाँ रहती है यह ?

Shalini kaushik ने कहा…

ye matr prachar ka dhang hai .koi bataye inhe ki is tarah aap khiladiyon ko achchhe pradarshan ke liye prerit karengee ya apni aur aakarshit.kintu inka kuchh nahi kiya ja sakta kyonki inhe prerit karne vale bhi is dunia me bahut hain.

Atul Shrivastava ने कहा…

आप सभी का शुक्रिया।
सच में पूनम पांडे का भरपूर विरोध होना चाहिए।
अतुल
http://atulshrivastavaa.blogspot.com