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फाईल फोटो साभार samaylive.com |
सबसे पहले मैं माफी चाहता हूं, इस तस्वीर को अपने ब्लाग में लगाने के लिए, लेकिन क्या करूं लगाना पडा। फिल्मों में हिरोईन कम कपडों में दिखाई देती हैं और अंतरंग दृश्य देती हैं, बाद में यह कहकर अपना पल्ला झाड लेती हैं कि कहानी की यह मांग थी। मैं भी शायद इसी सोच के साथ इस तस्वीर का प्रयोग कर रहा हूं। अब वे हिरोईनें कितना सच बोल रही होती हैं, यह तो मैं नहीं जानता पर मैं यहां सोलह आने सच बोल रहा हूं यह मैं आपको यकीन दिलाता हूं। (इसीलिए मैंने इस तस्वीर को निंगेटिव शेड दे दिया है।)
अब आता हूं मुददे की बात पर। भारत विश्व कप के फायनल में पहुंच गया है। दो अप्रैल को उसका श्रीलंका से मुकाबला है। क्रिकेट पर सटटा लग रहा है, क्रिकेट को लेकर जुनून चरम पर है। कोई व्रत रख रहा है तो कोई हवन कर रहा है, इस उम्मीद में कि भारत विश्वकप जीत जाए। 1983 का इतिहास दोहरा दिया जाए। कुल मिलाकर जुनून पूरे चरम पर है। विश्वकप में भारत जीते यह हर भारतीय की इच्छा है और हर भारतीय विश्व कप को इस बार अपने देश में ही रखने की तमन्ना रखता है लेकिन इसी बीच एक माडल ने जो बात कही है वह अपने आप में न सिर्फ आपत्तिजनक है बल्कि भारतीय परंपरा के बिल्कुल विपरीत भी है।
अब फिर से इस तस्वीर पर आता हूं। यह तस्वीर है, एक उभरती हुई माडल पूनम पांडे की। किंगफिशर जैसी कंपनियों के लिए विज्ञापन करने वाली पूनम का कहना है कि भारत के विश्वकप जीतने पर वह न्यूड होकर अपनी खुशी का इजहार करेगी। वह कहती है कि वह ऐसा टीम इंडिया के हौसले को बढाने के लिए करना चाहती है। अब यह तो पूनम पांडे ही जाने कि यदि टीम विश्वकप जीत जाती है तो उसकी इस ‘हरकत’ से टीम का हौसला किस तरह बढ जाएगा। खैर अपनी धुन में मगन पूनम यह भी कहती है कि वह ड्रेसिंग रूप में खिलाडियों के सामने न्यूड होगी और यदि सरकार और बीसीसीआई उसे इजाजत दे तो वह स्टडियम में भी ऐसा कर सकती है।
विदेशों में इस तरह की घटनाएं आम हैं लेकिन भारत में इस तरह की घोषणा अपने आप में नई बात है और आश्चर्यजनक भी। पूनम की इस घोषणा ने यह तो दर्शाया है कि भारत में क्रिकेट को लेकर दीवानगी किस हद तक है लेकिन क्या पूनम की इस तरह की घोषणा भारतीय संस्कृति के अनुकूल है। क्या किसी को अपनी दीवानगी दिखाने का यही एक तरीका सूझ सकता है।
इस खबर को जब मैंने पढा तो ऐसा लगा कि यह महज क्रिकेट के प्रति दीवानगी की बात नहीं, कहीं न कहीं प्रचार पाने का तरीका है और मानसिक दीवालिएपन का भी परिचायक है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं। हर भारतीय चाहता है कि भारत विश्वकप जीते लेकिन क्या एक भी भारतवासी ऐसा होगा जो यह सोचता होगा कि इसके बाद पूनम की इच्छा पूरी हो। ईश्वर से यही कामना कि भारत को विश्व विजेता बनाए और पूनम को सदबुध्दि दे।