सोमवार, 6 जून 2011

मेरठ के मधुर

http://jalesmeerut.blogspot.कॉम ये लिंक जो आपको नज़र आ रहा है मात्र एक लिंक ही नहीं है बल्कि अभिव्यक्ति है बहुत सुन्दर भावों की और वह भी'' मधुर ''भावों के साथ.श्री अमरनाथ मधुर जी का ब्लॉग जलेस मेरठ बाट जोह रहा है आप जैसे साहित्य प्रेमियों की-वे अपने प्रोफाइल में कहते हैं-
मेरा फोटो
बहुत कम मिलनसार पर जिसे चाहा खूब चाहा और अन्य से भी यही अपेक्षा की है |
इतने कम शब्दों में अमरनाथ जी ने अपने साथ पूरे ब्लॉग जगत को जोड़ लिया है.अगर इतना कुछ पढ़ कर भी आप उनके ब्लॉग से दूर रहते हैं तो मुझे तो यही लगता है कि उनकी लेखनी साकिब ''लखनवी ''के शब्दों में यही कहेगी-
''किस मुहं से जबान करती इजहारे परेशानी,
जब तुमने मेरी हालत सूरत से न पहचानी.''
                                 शालिनी कौशिक 
http://yeblogachchhalaga.blogspot.com

3 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

Shalini ji you have given a very good blog's introduction .Madhur ji's blog is really awesome .thanks a lot .

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

ऐसी तेज गर्मी में कैसे आप लोग
ब्लाग खोज लेते हो । मैं तो आजकल
सिर्फ़ ठंडक खोज रहा हूँ । वह कहीं मिले
तो बताना । वैसे इन भाई पर मुजफ़्फ़र नगर
की शिखा जी का असर मालूम होता है । बहुत कम
मिलनसार - खैर चलो । हो आते हैं । एक ठंडा तो पिला ही देंगे । मधुर जी ।
... नाइस ब्लाग शालिनी जी

Kailash Sharma ने कहा…

नए और सुन्दर ब्लोग्स से परिचय कराने का आपका प्रयास सराहनीय है..