मदन जी के ब्लॉग का URL http://madanaryancom.blogspot.com है '.मदन जी अपने परिचय में लिखते हैं कि-
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- मदन शर्मा
- ALLAHABAD, UTTAR PRADESH, INDIA
- मैं फालतू के धार्मिक अन्ध्विस्वास पर विश्वास नहीं रखता. मेरे विचार से सभी मानव का एक ही धर्म है. और वो है इंसानियत. इन तथाकथित मज्हबो ने हमें आपस में बाँट के रखा है. आज हमने इन झूठे मजहब को ही धर्म का नाम दे दिया है और गर्वे से कहते हैं की हम धर्म निरपेक्ष हैं जब की यह पूरी तरह से गलत है. मै बचपन से ही महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारो से बहुत प्रभावित हूँ. किसी भी विषय पर बहस को मैं उचित मानता हूं। स्वस्थ लोकतंत्रीय बहस किसी भी देश के विकास के लिए जरुरी होता है । बहस से ही कई मसलों का हल निकाला जा सकता है। हां इतना जरूर है कि बहस तर्कों पर आधारित होना चाहिए, कुतर्क नहीं होना चाहिए। जब लोग तर्कों को पचा नहीं पाते, तो उसे टालने के लिए दूसरे पर ही इस प्रकार रद्दा जमाने लगते हैं। शान्त मन से और तथ्यों के आधार पर विश्लेषण करने का प्रयास करनेवाले बिरले ही होते हैं। सत्य में जो ताकत है वो किसी और चीज़ में नहीं। जब हम सही होते हैं तो ये सच ही हमारी ताकत बनता है और हर परिस्थिति में हमें हिम्मत देता है । इरादे नेक हों और हौसले बुलन्द हों तो मंजिलें आसान हो जाती हैं''
- ''मदन@आर्यन.कॉम ''नाम के अपने ब्लॉग पर मदन जी ने बहुत सार्थक पोस्ट प्रस्तुत की है .शीर्षक है ''उठो द्रौपदी उठो ''
- मदन जी के ब्लॉग पर आप इसका आनंद उठा सकते हैं .शुभकामनाओं के साथ -
- शिखा कौशिक
5 टिप्पणियां:
मदन जी से मिलवाने का शुक्रिया।
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हंसते रहो भाई, हंसाने वाला आ गया।
अब क्या दोगे प्यार की परिभाषा?
bahut prasannta kee bat hai ki hamare is blog me ek aur heera zad gaya .bahut shandar blog.madan ji ko badhai.shikha ji ko aabhar.
आभार
जी हाँ आपने बिलकुल सही कहा है ! मैंने भी उनका ब्लॉग देखा है जीतनी भी तारीफ़ की जाय कम ही है |
महर्षि दयानंद का प्रभाव ही ऐसाही की उसमे सोना भी तप कर कुंदन बन जाता है |
मै आप से सहमत हूँ आपने समयानुकूल बहुत सही लेखक से parichay karaayaa है | मेरा पूरा समर्थन आपके साथ है
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