ब्लॉग जगत को नवीन उत्साह से भरता यह ब्लॉग है महेंद्र जी का .इस ब्लॉग का URL है-''http://aadhasachonline.blogspot.com '' महेंद्र श्रीवास्तव जी अपने परिचय में लिखते हैं -''मैं पत्रकार हूं, लंबे समय तक प्रिंट में काम करने के बाद फिलहाल न्यूज चैनल से जुड़ा हूं। मीडिया से होने के कारण मुझे सत्ता के नुमाइंदों को काफी करीब से देखने का मौका मिला। कहते है ना हमाम में सब.....। इसी पीड़ा को शब्दों में ढालने की कोशिश करता हूं '' अपने ब्लॉग पर महेंद्र जी ने एक कविता की कुछ पंक्तियाँ डाली है और सभी से अनुरोध किया है की इस कविता को पूरा करने में उनकी सहायता करें .तो सोच क्या रहें है .हो जाईये तैयार अपनी काव्य प्रतिभा को दर्शाने के लिए और लगा आईये एक चक्कर इस ब्लॉग का .शुभकामनाओं के साथ -
शिखा कौशिक
6 टिप्पणियां:
kavita poori karna to bahut tedhi kheer hai shikha ji.
पर शिखा जी को तो टेङी खीर खाना ही ज्यादा पसन्द है ।
वो भी नमक डालकर ।
namak ki kheer bahut achchhi lagtee hai .Rajeev ji ek baar khakar to dekhiye .
जी यहां मेरे ब्लाग के बारे में चर्चा करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। दरअसल मैने पिछले महीने ही ब्लाग बनाया है। बस कई बार कई तरह के विचार होते हैं, उस विचार को जब तक आप मित्रों के साथ शेयर न कर लें, तो उलझन बनी रहती है। वैसे आप सोच सकते हैं कि मीडिया वालों को भी ऐसी दिक्कतों का सामना करना होता है, तो आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं। मीडिया में एक दायरे और लक्ष्मण रेखा के बीच रहना होता है। कई बार मन होता है कि लक्ष्मण रेखा पार करनी चाहिए। लेकिन फिर वही दुनियादारी सामने आ जाती है।
अब मैं देखता हूं कि ब्लाग के जरिए मै अपनी बात कहता हूं, भले ही लोग उससे सहमत हों या ना हों। कुछ ही दिनों में ब्लाग के मित्रों से इतना प्यार मिला, जिससे मैं ब्लागर्स को परिवार कहूं तो गलत नहीं होगा।
वैसे शिखा जी जाति धर्म में मैं ज्यादा भरोसा नहीं करता हूं, मैं सिर्फ इसलिए ये बताना चाहता हूं कि मेरे नाम सही उल्लेख हो। मैं महेन्द्र मिश्र नहीं बल्कि महेन्द्र श्रीवास्तव हूं।
vaise ye post ek nayee vidha ko janm de rahi hai co blogging...badiya hai..
bhool se shrivastav ka mishr ho gaya tha.ab isme sudhar kar diya gaya hai.blog par aane ke liye shukriya.apna sahyog aise hi banaye rakhen.
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