हमें चाहिए होता है प्यार
और हम चुनते हैं सुन्दर-कीमती कपडे
हमें चाहिए होता है प्यार
हम चुनते हैं धन-संपत्ति-मकान
हमें चाहिए होता है प्यार
हम चुनते हैं अच्छा भोजन,अच्छे रेस्टोरेंट
हमें चाहिए होता है प्यार
हम चुनते हैं पैसे वाले दोस्त-रिश्तेदार
और बदले में दुत्कार देते हैं
अपने ही किसी कमजोर रिश्तेदार को
चाहे क्यों ना हो वो हमारा अपना ही खून
और इस तरह
हमें चाहिए होता है प्यार
मगर हम चुन लेते हैं
घृणा-अविश्वास-लालच और फरेब
अंततः हमें चाहिए होता है प्यार
और हम चुन लेते हैं
हमेशा के लिए शत्रुता
और इस तरह हमें जिन्दगी में
अपना चाहा हुआ सब कुछ मिल जाता है
बस एक सच्चे प्यार के सिवा.....!!
3 टिप्पणियां:
सुंदर ब्लॉग
सशक्त और प्रभावशाली रचना.....
प्यार के बारे में हटकर बिलकुल ही अलग तरीके से लिखा है! लिखने का तरीका, प्रस्तुतीकरण रोचक है! मगर शानदार चिंतन! यथार्थ के बहुत करीब! साधुवाद!
शुभाकांक्षी
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
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