मेरी बात - देखिये सन्तों की यह वाणी कितनी सत्य है कि..ऐसी वाणी बोलिये मन का आपा खोय । औरन को शीतल करे मन आपहु शीतल होय ।..
यधपि इस ब्लाग का परिचय शालिनी जी यहाँ करा चुकी हैं । मैंने भी इनका परिचय "
ब्लाग वर्ल्ड काम " और अपने ब्लाग " सत्यकीखोज " पर भी कराया है ।..लेकिन आज भोला जी के दिल से हम लोगों के प्यार मुहब्बत की वजह से जो दुआ निकली । जो भावभीने उदगार निकले । उसे आप लोगों के साथ बाँट रहा हूँ । क्योंकि आप सबने भी मेरा साथ दिया है । अन्त में मैं आप सबसे यही कहना चाहूँगा कि बुजुर्गों का आशीर्वाद भी बेहद अनमोल होता है । अतः कभी भी उनकी उपेक्षा न करें । और यथासंभव उनकी भावनाओं का आदर करें ।
श्री भोला जी का मेल -- प्रियवर ! राम राम । हमने रोज़नामचे के पन्ने पलटकर देखे । देखा कि आप मेरे प्रथम संदेश से ही मुझे प्रोत्साहित कर रहे थे ।
मैने स्वान्तः सुखाय..अपने प्यारे प्रभु की प्रेरणा से जीवन के बचे खुचे दिनों मे व्यस्त रहने के लिये तथा इसी बहाने " हरि सुमिरन " कर लेने की लालच से ..पत्नी कृष्णा जी और सुपुत्री श्रीदेवी के सुझाव और सहयोग से हिन्दी भाषा मे आत्मकथा का यह ब्लोग लिखना शुरु किया । आनन्द भी आने लगा ।
बीच में थोडा हतोत्सहित हुआ । आपने प्रोत्साहित किया । पुनः गाडी चल पडी । पुनः राम का काम चालू हो गया । आपका रिणी हो गया । यह जानना चाहता हूँ ।
कहो उरिन कैसे हो पाऊँ । किस मुद्रा में मोल चुकाऊँ ?
केवल प्रभु की महिमा गाता । और मुझे कुछ भी ना आता ।
दुर्बल हूँ काया से इतना । धन दौलत हूँ नही कमाता ।
केवल प्रभू की महिमा गाता ।
आप ही सुझाव दें । आपकी अथवा यदि आपकी कोई संस्था है । उसकी अपनी सीमित योग्यता और सामर्थ्य से क्या सेवा कर सकता हूँ ? अतिशय आभारी हूँ । भोला ।
VISHWAMBHUR N SHRIVASTAV "Bhola"
Mobile: 1-412-722-9246
Landline: 1-617-739-4849
Email: vns.bhola@ramparivar.com
Skype: Bhola.Krishna
Blog: http://mahavir-binavau-hanumana.blogspot.com
Address: 78 Clinton Road, Brookline, MA 02445, USa
यधपि इस ब्लाग का परिचय शालिनी जी यहाँ करा चुकी हैं । मैंने भी इनका परिचय "
ब्लाग वर्ल्ड काम " और अपने ब्लाग " सत्यकीखोज " पर भी कराया है ।..लेकिन आज भोला जी के दिल से हम लोगों के प्यार मुहब्बत की वजह से जो दुआ निकली । जो भावभीने उदगार निकले । उसे आप लोगों के साथ बाँट रहा हूँ । क्योंकि आप सबने भी मेरा साथ दिया है । अन्त में मैं आप सबसे यही कहना चाहूँगा कि बुजुर्गों का आशीर्वाद भी बेहद अनमोल होता है । अतः कभी भी उनकी उपेक्षा न करें । और यथासंभव उनकी भावनाओं का आदर करें ।
श्री भोला जी का मेल -- प्रियवर ! राम राम । हमने रोज़नामचे के पन्ने पलटकर देखे । देखा कि आप मेरे प्रथम संदेश से ही मुझे प्रोत्साहित कर रहे थे ।
मैने स्वान्तः सुखाय..अपने प्यारे प्रभु की प्रेरणा से जीवन के बचे खुचे दिनों मे व्यस्त रहने के लिये तथा इसी बहाने " हरि सुमिरन " कर लेने की लालच से ..पत्नी कृष्णा जी और सुपुत्री श्रीदेवी के सुझाव और सहयोग से हिन्दी भाषा मे आत्मकथा का यह ब्लोग लिखना शुरु किया । आनन्द भी आने लगा ।
बीच में थोडा हतोत्सहित हुआ । आपने प्रोत्साहित किया । पुनः गाडी चल पडी । पुनः राम का काम चालू हो गया । आपका रिणी हो गया । यह जानना चाहता हूँ ।
कहो उरिन कैसे हो पाऊँ । किस मुद्रा में मोल चुकाऊँ ?
केवल प्रभु की महिमा गाता । और मुझे कुछ भी ना आता ।
दुर्बल हूँ काया से इतना । धन दौलत हूँ नही कमाता ।
केवल प्रभू की महिमा गाता ।
आप ही सुझाव दें । आपकी अथवा यदि आपकी कोई संस्था है । उसकी अपनी सीमित योग्यता और सामर्थ्य से क्या सेवा कर सकता हूँ ? अतिशय आभारी हूँ । भोला ।
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1 टिप्पणी:
Rajeev ji
bhola ji ka mail yahan prastut kar aapne unke udar vyaktitv se hame prichit karaya hai .aabhar
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