आज जब मैं शिखा जी के ब्लॉग विख्यात पर गयी तो वहां ब्लोगसूची में एक ब्लॉग दिखा शीर्षक अनोखा लगा तो उसका यहाँ उल्लेख करने का मन किया आप भी देखें कि कैसे एक यू.पी.वासी असम से जुड़ जाता है और कैसे वहां बैठ कर भी अपने मन को विश्राम देने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगता है.मिलिए अनीता जी के ब्लॉग "मन पाए विश्राम जहाँ "से नीचे दिए गए लिंक पर-
3 टिप्पणियां:
ACHCHI PRAYASH HAI....
DHANYAWAD.... IS SE NAYE BLOGGER KO HAUSHLA MILTA HAI.. KEEP-IT-UP..
Anita ji ka blog vastav me bahut sundar v sundar rachnaon se bhara hai .badhai .
शालिनी जी ..ब्लाग से परिचय कराने के
लिये आभार ! पर साधु लोग विश्राम नहीं
अधिक से अधिक काम करते हैं । यही गुरुजी
का आदेश होता है । क्योंकि जीवन बहुत
थोङा है ।.. काम बहुत हैं । जीवन थोङा ।
उस पर मन का चंचल घोङा ।
एक टिप्पणी भेजें