सोमवार, 2 अप्रैल 2012

ज़रूरत- a new blog

ये  हैं      जी    -My Photo
इनके   ब्लॉग  का  नाम  है  -

ज़रूरत

ब्लॉग पर  प्रस्तुत ताजा पोस्ट है -

किनारा


सूर्य की प्रचण्डता से
समुद्र का जल होता है वाष्पित 
बनते हैं मेघ
जो आते हैं अक्सर समय पर
और कभी-कभी आगंतुकों से
बनाते हैं सेतु जल कणों के लिए
वहीं आने के लिए 
जहां से वे उठे थे


मेरी राय में -  सभी पोस्ट उत्तम   यहाँ    
                     आप   देखकर   आयें   
                  कैसा   रहा   अनुभव  वहां   
                     हमको   भी    बतलाएं   !


                                        शिखा कौशिक 

4 टिप्‍पणियां:

S.N SHUKLA ने कहा…

बहुत सुन्दर, बधाई.

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

रमाकांत जी को नियमित रूप से पढ़ती हूँ.....

बहुत सुन्दर लेखन...

सांझा करने का शुक्रिया शिखा जी.

सादर.
अनु

Rahul Singh ने कहा…

जरूरत वाले रमाकांत जी से बड़ी अपेक्षाएं हैं. एक से बढ़ कर एक रचनाएं हैं, विचार-प्रौढ़ता और अभिव्‍यक्ति की सहजता का उत्‍कृष्‍ट नमूना होती हैं उनकी रचनाएं. सुरुचिपूर्ण उत्‍तम चयन के लिए आप बधाई की पात्र हैं.

बेनामी ने कहा…

Today is virtuous ill, isn't it?