शनिवार, 7 मई 2011

अंदाज ए मेरा: मां

अंदाज ए मेरा: मां: "मां। दुनिया का सबसे प्‍यारा शब्‍द। दुनिया में कई रिश्‍ते होते हैं लेकिन शायद ही ऐसा कोई रिश्‍ता होगा जो सिर्फ एक अक्षर में सिमटा हो, लेकिन ..."

4 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bahut sahi bat kahi hai atul ji.

Shikha Kaushik ने कहा…

sahmat hun aapse Atul ji .sadar

संगीता पुरी ने कहा…

बढिया प्रयास !!

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर... मुनव्वर राना की एक लाइन याद आ रही है...

मां मेरे गुनाहों को कुछ इस तरह से धो देती है।
जब वो बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।।

और

ऐ अंधेरे देख ले मुंह तेरा काला हो गया,
मां ने आंखे खोल दी घर में उजाला हो गया।