बुधवार, 8 जून 2011

ये दुनिया है ''रंग-रंगीली ''

ये दुनिया है ''रंग-रंगीली ''

मीनाक्षी पन्त जी के ब्लॉग का URL है -http://duniyarangili.blogspot.कॉम''
वे अपने विषय में लिखती हैं -
मेरा फोटो
Delhi, India
मेरा अपना परिचय आप सबसे है जो जितना समझ पायेगा वो उसी नाम से पुँकारेगा हाँ मेरा उद्द्श्ये अपने लिए कुछ नहीं बस मेरे द्वारा लिखी बात से कोई न कोई सन्देश देते रहना है की ज्यादा नहीं तो कम से कम किसी एक को तो सोचने पर मजबूर कर सके की हाँ अगर हम चाहे तो कुछ भी कर पाना असंभव नहीं और मेरा लिखना सफल हो जायेगा की मेरे प्रयत्न और उसके होंसले ने इसे सच कर दिखाया |
मीनाक्षी जी का लेखन न केवल सोचने को मजबूर करता है बल्कि आनंदित भी करता है .आज उनके द्वारा प्रस्तुत कविता ''बंसी की धुन ''ह्रदय'' को आनंद रस से सराबोर कर रही हैं -
बंसी की धुन तुम यूँ न बजाया करो |
हमें पल -पल तुम यूँ न सताया करो |
देखो पनघट पे आते  है ग्वाले बड़े ,
तुम ऐसे  हमें न बुलाया करो 
आप भी बंसी की धुन पर झूमिये और उनके ब्लॉग के रंग में रंग जाईये 
                                                              शिखा कौशिक.

4 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bahut sundar post v blog .meenakshi ji aaj kisi parichay kee mohtaz nahi hain aur vastav me aapne is blog par unka parichay de is blog kee shan me char chand laga diye hain.aabhar shikha ji.

सहज समाधि आश्रम ने कहा…

nice blog abhar shikha ji

ZEAL ने कहा…

निसंदेह एक उत्कृष्ट ब्लॉग।
आभार।

Vivek Jain ने कहा…

बहुत ही बढ़िया ब्लॉग
साभार- विवेक जैन vivj2000.blogspot.com