बहुत दिनों से विभिन्न ब्लोग्स पर मैं एक नाम देख रही थी सच कह रही हूँ ध्यान तो मेरा ''कौशिक '' संबोधन के कारण ही गया किन्तु मैं उनके ब्लॉग को खोल कर नहीं देख पाई किन्तु आज जब मैंने उनकी टिप्पणी अपने ब्लॉग पर देखी तो मैं उनका ब्लॉग देखने से खुद को रोक नहीं पाई और जैसा की ''जहाँ चाह वहां राह'' पहुँच गयी उनके प्रोफाइल पर और देखा की ब्लोग्स की भरमार है उनमे से एक ब्लॉग मन को सहज ही अपनी और खींच ले गया और खोल लिया उसे और वास्तव में मिला कुछ ''खट्टा-मीठा -तीखा सा ''योगेन्द्र जी ने आलेख कुछ समय पूर्व लिखा है किन्तु विडंबना ये है की ये विषय आज भी सामायिक है और शायद हमेशा रहेगा आप भी इस ब्लॉग को देखेंगे तो मुझसे सहमत हुए बगैर नहीं रहेंगे.ब्लॉग का url है-
5 टिप्पणियां:
bahut achchha blog prichay prastut kiya hai aapne .aabhar .
बहुत बढिया।
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ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
एच.आई.वी. और एंटीबायोटिक में कौन अधिक खतरनाक?
डॉ. कोशिक से मिलकर अच्छा लगा --पर उन्होंने लिखना क्यों छोड़ दिया ?
aapka prayash sarahniya hai...
lage rahiye....
lagan se....
lagatar.....
Thanks... alot...
bahut achchha
http://www.avaneesh99.blogspot.com/
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