शुक्रवार, 4 मई 2012

अंदाज ए मेरा: ‘यार, ये एलेक्स तो बड़ा मतलबी निकला...!’

अंदाज ए मेरा: ‘यार, ये एलेक्स तो बड़ा मतलबी निकला...!’:  ‘फक्र है हमें कि हमने अपने कर्तव्यों की पूर्ति के लिए अपनी जान दे दी। हम एक पल भी नहीं डिगे और हमने वो काम अपनी आखिरी सांस तक करने की...

2 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

जान बची तो लाख उपाया, लौट कलेक्टर घर को आये |
अहमद किशन बड़े अहमक थे, बिन मतलब के जान गँवाए |
इलेक्स रिलेक्सिंग बंगले में अब, नक्सल बैठे घात लगाए -
किसको फुरसत है साहब जी, मौत पे उनके अश्रु बहाए ||

बेमतलब है नीति नियम सब, नीयत में ही खोट दिखाए |
एक तरफ है ढोल नगाड़े, दूजी तरफ मर्सिया गाये |
अहमद किशन शहीद हुए पर, सरकार पुन: छलनी कर जाए |
उनके दो परिवार दुखी हैं, इन गदहों को कौन बताये ||

Shikha Kaushik ने कहा…

SARTHAK PRASHN UTHHAYA HAI AAPNE .SHAHEEDON KE PRATI DO SHABD TO ALEX KO BOLNE HI CHAHIYEN THE .