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''दिल की धड़कन हिंदुस्तान ब्लोगर सम्मान ''
विजेता -सुश्री वंदना गुप्ता
''दिल की धड़कन हिंदुस्तान ब्लोगर सम्मान '' |
''सिन्दूरी सुबह है उजली हर रात है
अपने वतन की तो जुदा हर एक बात है ''
ऐसे ही भावों को अपने शब्दों में लिख भेजें १४ अगस्त २०१३ तक केवल इस इ मेल पर [shikhakaushik666@hotmail.com और सर्वोतम अभिव्यक्ति के लिए पायें प्यारा सा उपहार !
शब्द सीमा -५१ शब्दों में ही समेटें अपने भारत के प्रति प्यार
इस प्रतियोगिता में तीन प्रतिभागियों ने अपने वतन के प्रति प्यार को लिख भेजा है। जो इस प्रकार हैं -
हिंदुस्तान
मेरी आन मेरी शान मेरी जान
कैसे करूँ तुम्हें प्रणाम
शस्य श्यामला रूप तुम्हारा
मन को लगता बहुत ही प्यारा
हर दिल में भरता उजास है
विश्व पटल पर छवि तुम्हारी
कितनी सुन्दर कितनी प्यारी
कीर्ति पताका फहराती रहे
हर वाणी शौर्यगाथा गाती रहे
दुनिया सर झुका गीत तेरे गाती रहे
2 -punita singh
भारत माता
उसके सर पर
गहरा दाग है
सीने में उसके
अल्सर का घाव है,
अंग-अंग में -
नस-नस में
बस गया बुखार है ।
सीने में लाइलाज
कैंसर का शक हैं,
खून की जगह
पानी बनने का शक है।
वरसों से चलने
फिरने से मज़बूर है
दिल के भीतर
बन चुका नासूर है।
आज का विज्ञान,
डाक्टर-विशेषज्ञ
रात दिन लगें है-
सभी परेशान है
इतनी बीमारियां
कैसे रोक थाम हो ?
बड़ा दुख होता है
जब ख़याल आता है-
दोस्तों ये कोई गैर नहीं
अपनी बीमार भारत माता है
सोने की चिडिया थी कभी
आज ये देश बीमारियों का ढेर है {भ्रष्टाचार,कालाबाजारी,हवाला,लालची बड़बोले नेता ,रिश्वतखोरी,बढ़ती-महगाई ने लोगो को वीमार बना दिया है। )
हर तरफ फैला तबाही का शोर है
उसके सर पर
गहरा दाग है
सीने में उसके
अल्सर का घाव है,
अंग-अंग में -
नस-नस में
बस गया बुखार है ।
सीने में लाइलाज
कैंसर का शक हैं,
खून की जगह
पानी बनने का शक है।
वरसों से चलने
फिरने से मज़बूर है
दिल के भीतर
बन चुका नासूर है।
आज का विज्ञान,
डाक्टर-विशेषज्ञ
रात दिन लगें है-
सभी परेशान है
इतनी बीमारियां
कैसे रोक थाम हो ?
बड़ा दुख होता है
जब ख़याल आता है-
दोस्तों ये कोई गैर नहीं
अपनी बीमार भारत माता है
सोने की चिडिया थी कभी
आज ये देश बीमारियों का ढेर है {भ्रष्टाचार,कालाबाजारी,हवाला,लालची बड़बोले नेता ,रिश्वतखोरी,बढ़ती-महगाई ने लोगो को वीमार बना दिया है। )
हर तरफ फैला तबाही का शोर है
3 -शालिनी कौशिक जी
''वीरों की शहादत पे करें फख्र शान से ,
सलाम- मादरे-वतन हिन्दोस्तान से .''
शिखा कौशिक 'नूतन '